संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO) के अंगों के नाम || Sanyukt Rashtra Sangh ke Ang

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Sanyukt Rashtra Sangh Ke Ang संयुक्त राष्ट्र संघ जिसे अंग्रेजी में (United nations) कहते हैं यह अनेक प्रकार की परीक्षाओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है संयुक्त राष्ट्र संघ के अंगों से जुड़ी जानकारी सभी परीक्षाओं में पूछी जाती हैं|

संयुक्त राष्ट्र संघ या यूनाइटेड नेशन Sanyukt Rashtra Sangh ke Ang एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समाज में सुरक्षा कायम रखने, मानव अधिकारों की रक्षा, आर्थिक विकास, सामाजिक विकास तथा विश्व में शांति स्थापित रखने के लिए कार्य करता है|

संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना की जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि पहले विश्व युद्ध के घातक परिणामों को देखते हुए दुनिया को लगा कि सुरक्षा व झगड़ों के निपटारे के लिए एक अंतरराष्ट्रीय संगठन अवश्य होना चाहिए जिसके कारण ‘लीग ऑफ नेशन’ की स्थापना की गई परंतु यह संगठन द्वितीय विश्व युद्ध व उसके घातक परिणामों को रोकने में असफल रहा इसी कारण द्वितीय विश्व युद्ध को समाप्त होने के तुरंत बाद 24 अक्टूबर 1945 में 51 देशों द्वारा UNO के घोषणा पत्र पर दस्तखत कर इस संगठन की स्थापना की गई तथा इस संगठन से ‘लीग ऑफ नेशन’ से अच्छा काम करने की आशा की गई|

Sanyukt Rashtra Sangh (UNO) विचार विमर्श करने वाली संस्था है इसे सभी समस्याओं का समाधान मान लेना सही नहीं है परंतु फिर भी UNO और इसकी एजेंसियों का बहुत अधिक महत्व है इसके वर्तमान सदस्यों की संख्या 193 है|

संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO) के प्रमुख अंगो की व्याख्या

1. महासभा
महासभा संयुक्त राष्ट्रीय संघ का महत्वपूर्ण अंग है यह शांति, सुरक्षा तथा मानव अधिकारों से संबंधित मामले पर विचार विमर्श कर सकती है|यह UNO का अद्वितीय अंग है जिसमे इसके सभी सदस्य देशों को सदस्यता प्राप्त है इसमें हर सदस्य-राष्ट्र को केवल 1 वोट देने का अधिकार है|महासभा सभी महत्वपूर्ण प्रश्नों जैसे (अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा और शांति, सुरक्षा परिषद के अस्थाई सदस्यों का चुनाव, नए राज्यों का संघ में शामिल करना व संघ के सदस्यों को संघ से बाहर निकालना) आदि का निर्णय दो तिहाई बहुमत से करती है|महत्वपूर्ण प्रश्न को छोड़कर अन्य सभी मामलों का निर्णय महासभा साधारण बहुमत से करती है|महासभा की वर्ष में एक बैठक जरूर होती है आवश्यकता होने पर इसकी अन्य बैठक भी बुलाई जा सकती है|यह मानव अधिकारों, शांति व सुरक्षा से संबंधित प्रश्नों पर विचार कर सकती है पर यदि सुरक्षा परिषद किसी प्रश्न पर विचार कर रही हो तो महासभा को उस पर विचार करने का अधिकार नहीं है|महासभा सुरक्षा परिषद के साथ मिलकर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के न्यायाधीशों को चुनौती है|महासभा यूएनओ के बजट पर विचार करती है तथा उस पर अपनी मंजूरी देती है|
2. सुरक्षा परिषद
सुरक्षा परिषद UNO का महत्वपूर्ण अंग है इसके कुल 15 सदस्य होते हैं|सुरक्षा परिषद के पांच स्थाई सदस्य (चीन, रूस, फ्रांस, अमेरिका तथा ब्रिटेन) है|इसमें 10 राष्ट्र गैरस्थाई सदस्य के रूप में चुने जाते हैं जो 2 वर्ष की अवधि के लिए होते हैं|सुरक्षा परिषद विवादित राष्ट्रीय को यह मौका देती है कि वे आपस में बातचीत कर उस मामले को सुलझा लें|सुरक्षा परिषद आपराधिक राष्ट्र के विरुद्ध सैनिक कार्रवाई भी कर सकता है|नए राज्यों को Sanyukt Rashtra Sangh ke Ang का सदस्य बनाने के लिए सुरक्षा परिषद की सिफारिश की आवश्यकता होती है तत्पश्चात ही महासभा उसे UNO का सदस्य बना सकता हैं|सुरक्षा परिषद के सभी स्थाई सदस्यों को ‘वीटो पावर’ प्राप्त होती है जिसे हम निषेधाधिकार ताकत भी कहते हैं, शीत युद्ध के दौरान सदस्यों द्वारा ‘वीटो पावर’ का इस्तेमाल होने के कारण सुरक्षा परिषद कोई भी निर्णय लेने में असमर्थ थी|किसी भी स्थाई सदस्य की ‘वीटो’ ताकत सुरक्षा परिषद के निर्णय को कमजोर बना सकती है क्योंकि स्थाई सदस्य का नकारात्मक मत होने के कारण सुरक्षा परिषद कोई भी कुशल कार्यवाही नहीं कर सकती|
3. आर्थिक एवं सामाजिक परिषद
इस परिषद की बैठक वर्ष में दो बार न्यूयॉर्क और जेनेवा में होती है इस परिषद के कुल 54 सदस्य हैं|यह परिषद शैक्षणिक, स्वास्थ्य, चिकित्सा, सांस्कृतिक, आर्थिक व सामाजिक से संबंधित प्रश्नों पर विचार विमर्श के लिए सम्मेलन आयोजित करता है|इस परिषद पर अधिक कार्यभार होने के कारण यह विभिन्न आयोग व समितियों (जनसंख्या आयोग, मानवाधिकार आयोग, आर्थिक विकास आयोग आदि) के द्वारा अपना कार्य उचित ढंग से पूर्ण करती है|आर्थिक व सामाजिक परिषद की कुछ स्थाई समितियां (तकनीकी सहायता समिति, औद्योगिक विकास समिति, विभिन्न सम्मेलनों की कार्य सूची तैयार करने वाली समिति आदि) है|इस परिषद के 54 सदस्य सीटों का बंटवारा इस प्रकार है – 10 सदस्य लैटिन अमेरिका व कैरेबियाई, 13 पश्चिमी यूरोप व अन्य देशों के लिए, 14 सीट अफ्रीकी देशों के लिए, 11 सीट एशियाई देशों के लिए तथा 6 सीट पूर्वी यूरोपीय देशों के लिए|
4. अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या 15 होती है जो सुरक्षा परिषद व महासभा द्वारा 9 वर्षों के लिए चुने जाते हैं 5 न्यायाधीश प्रत्येक 3 वर्ष बाद अवकाश लेते हैं|इसकी स्थापना सन 1946 में 3 अप्रैल को हेग ‘नीदरलैंड’ में हुई थी|अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के न्यायाधिकार के क्षेत्राधिकार को तीन भागों में बांटा जाता है ऐच्छिक, सलाहकारी व अनिवार्य क्षेत्राधिकार|
5. न्यास परिषद या ट्रस्टीशिप काउंसिल
इस परिषद का मुख्य कार्य है यह देखना था कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जो प्रदेश उनके हवाले किए गए हैं उनका आर्थिक व सामाजिक विकास हो रहा है या नहीं|न्यास परिषद को 11 राष्ट्र सौंपे गए थे जैसे टांगानिका, फ्रांस और ब्रिटेन आदि जो अब या तो स्वतंत्र हैं या किसी प्रभुसत्ता संपन्न राज्य का अंग है|सन 1994 में 1 नवंबर को न्यास परिषद को स्थगित कर दिया था क्योंकि इसके पास कोई कार्य नहीं बचा था|
6. सचिवालय
सचिवालय संयुक्त राष्ट्र संघ का प्रशासनिक अंग कहलाता है|सचिवालय का प्रमुख अधिकारी ‘महासचिव’ होता है जो सुरक्षा परिषद की सिफारिश पर महासभा द्वारा नियुक्त किया जाता है महासचिव 5 साल के लिए कार्यरत होता है|Sanyukt Rashtra Sangh ke Ang इसमें महासचिव के अतिरिक्त एक बड़ा कर्मचारी वर्ग होता है|महासचिव सुरक्षा परिषद, आर्थिक व सामाजिक परिषद, महासभा तथा न्यास परिषद के सभी सम्मेलन में भाग ले सकता है|वर्ष 2020 में संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव ‘एंटोनियो गुटेरेस’ है|

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